Monday, November 17, 2008

माटी का पुतला....

माटी के पुतले से कौन प्यार करता है??
कौन है जो तेरा इंतज़ार करता है??
चला गया भी तो यहाँ कुछ कमी न होगी...
मर गया भी तो किसी की आँख नम न होगी...
चलेगी तब भी हवा रोज , बात मगर वो न होगी॥
जलेंगे तब भी दीप रोज, वो रौशनी न होगी...
जियेंगे वो भी हर लम्हा , वो जिंदगी न होगी...
जियेंगे वो भी हर लम्हा , वो जिंदगी न होगी..........

© आशुतोष त्रिपाठी

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