सोचा था कभी बदलेंगे ज़माने को एक दिन … !!
ज़माने के संग खुद को अब बदल रहा हूँ मैं … !!
समझाता हूँ दिल को कि ‘दुनिया है बड़ी ज़ालिम !!
सबक जिंदगी का ज़माने से अब पढ़ रहा हूँ मैं…. !!
खुद से ही रोज़-रोज़ अब लड़ रहा हूँ मैं … !!
© आशुतोष त्रिपाठी
ज़माने के संग खुद को अब बदल रहा हूँ मैं … !!
समझाता हूँ दिल को कि ‘दुनिया है बड़ी ज़ालिम !!
सबक जिंदगी का ज़माने से अब पढ़ रहा हूँ मैं…. !!
खुद से ही रोज़-रोज़ अब लड़ रहा हूँ मैं … !!
© आशुतोष त्रिपाठी