Friday, October 12, 2012

माँ

माँ आज फिर तुम्हारी याद आ रही है !!

चलो  आज फिर से घर की ओर चला जाये  !!

बेफ़िक्र होके सोया जाये माँ के आँचल  में !
दिल खोल के बात किया जाये माँ से ,बैठ  के उनकी गोद  में !
सारे  दुःख दर्द , जैसे  बाटाँ  करते थे बचपन में !
शिकायते  दोस्तों की, गिले  शिकवे माँ से ,फिर से आज बाटाँ  जाये !!

चलो  आज फिर से घर की ओर चला जाये  !!

© आशुतोष  त्रिपाठी