वो ्पुछते है हमसे, क़ि इतना ज़ामे-कश क्यो लगाते हो?
हमने कहा उनसे , यही वो वक्त है जब तुम याद नही आते हो !!
यू नही कि , हम तुम्हे याद नही करते!!
्लेकिन जब भी याद आते हो , बहुत आते हो !!
दिल के दरख्त से निकलते हँ जो आसू , उन्ही को इन पैमानो मे मिलने , हर शाम मैखाने चले आते है!!!
आज की शाम.... ज़ाम तेरे नाम..... ः)
© आशुतोष त्रिपाठी
1 comment:
Killing it sirjee, Dedicated to all those who still choose to drink alone!!!!!
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